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Sharab Ki Botal

शराब की बोतल


कितनी प्यारी है ये शराब की बोतल
डोल जाते है इसे देख के कितने मन

जब कहीं इसको इक बार खोल देते है
फिर वहां से जाने को नही करता मन

ये मेरे गम -ख़ुशी में शरीक होती है
अजीब सा बन गया है इससे अपनापन

जाम के बाद जाम जब में उठाता हूँ
साथ -ही -साथ में घटते है मेरे गम

साथ देती है मेरा यह दर्द मिटने में
जी में आता है रखूं पास इसे हरदम

MILAP SINGH

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Sanyukat Vishal Bharat

ा वो र थ
ी हवाएँ
जब अपने भारत
लग रहीं ी बद्ुआएँ

जब घ्ीणा ्गंध
हर ओर आत
जब बन गया वै
अपना धर्- समप्रदा और ाि

न जी वो शतरंज थ
और ा वो
िजसने हर िकसी मन में
भर ी िनरा

ा वो र थ
ी बहाें
जब दी-ूछ े भे पर
बरस रही ी तलवाें

! ोई न करत
उन सरहदों शर
! े अब भी
वो अपन िवशा भारत

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Tere Nam Ki ???? ??? ??

म की हर शय
ैंे िरश् िलया
द न आए ुझको
े शहर ो छो िदया

ंग े िदल ें जब जरा भी
उल्लफत न जागी
पत्थर े पहाे टकरा
हवा ख म िलया

यह न सोचो ' िमला '
ोसहर कहाँ गुजरेगी
शहर इक सज्जन
मयखाा नया िलया

िंदगी ह पे चलते
नहीं ोई ापरवा
गम ओर इश् भला िकसने
इस दुिनया ें िलया

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